

कमिश्नर दीपक रावत ने निरीक्षण में खोला बड़ा राज, जिलाधिकारी को दी प्रशासनिक जांच के आदेश
हल्द्वानी।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के औचक निरीक्षण ने तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। निरीक्षण के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कानूनगो अशरफ तहसील की महत्वपूर्ण फाइलें दफ्तर के बजाय अपने घर पर रखे हुए थे।
यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही का मामला है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल उठाता है।
क्या मिला निरीक्षण में?
फाइलों का जखीरा – अशरफ के घर से तहसील से जुड़ी बड़ी संख्या में फाइलें बरामद हुईं।
घर से कामकाज – आरोप है कि कानूनगो घर से ही रिपोर्ट लगाते थे और दफ्तर में आने से बचते थे।
देरी और निस्तारण में गड़बड़ी – फाइलों का समय पर निस्तारण न होना, काम को महीनों तक लंबित रखना सामने आया।
कमिश्नर की कड़ी नाराज़गी
कमिश्नर दीपक रावत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए जिलाधिकारी को तत्काल प्रशासनिक जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
तहसील प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि तहसील प्रशासन को इस पूरे खेल की भनक तक क्यों नहीं लगी? क्या यह लापरवाही थी या फिर इसमें मिलीभगत की बू है?
लोगों में चर्चा और आक्रोश
इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर अधिकारी ही फाइलों को घर ले जाकर बैठा देंगे, तो आम जनता की समस्याओं का समाधान कब और कैसे होगा?
आगे क्या?
जिलाधिकारी को अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कमिश्नर को सौंपनी होगी। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद कठोर कार्रवाई तय है।
👉 इस पूरे प्रकरण ने तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरा सवालिया निशान लगा दिया है। अब सबकी निगाहें प्रशासनिक जांच और आने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।