
देहरादून।
उत्तराखंड प्रशासनिक इतिहास का आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। कुमाऊं मंडल की सफलता के बाद अब गढ़वाल को भी स्वतंत्र पहचान और पहला कमिश्नर मिल गया है।
👉 विनय शंकर पांडे, जिन्हें गढ़वाल मंडल का पहला कमिश्नर नियुक्त किया गया है, ने मुख्यालय पहुंचते ही पहली उच्चस्तरीय बैठक ली।
इस बैठक का दृश्य सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी था। जैसे ही तस्वीरें बाहर आईं, गढ़वाल की जनता के चेहरे पर बरसों का इंतज़ार खुशी के आंसुओं में बदल गया।
📸 पहली तस्वीर देखकर लोग सोशल मीडिया पर लिखने लगे –
“गढ़वाल को उसकी असली पहचान मिल गई।”
“आज गढ़वाल के लिए नए युग की शुरुआत हुई है।”
राजनीतिक गलियारों से लेकर आम नागरिकों तक, हर कोई इस फैसले को ‘मील का पत्थर’ बता रहा है।
यह सिर्फ प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि गढ़वाल की आत्मा को उसका हक मिलने जैसा क्षण है।
