
देहरादून।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बनने वाली सभी दवाओं और Active Pharmaceutical Ingredients (API) की जांच को अब अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य सुरक्षा और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।
सरकार ने प्रदेश में कार्यरत सभी फार्मा कंपनियों को निर्देशित किया है कि राज्य में निर्मित होने वाली हर दवा और API की लैब में जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। साथ ही, प्रदेश में अन्य राज्यों से आयातित दवाओं की विस्तृत सूची भी तलब की गई है ताकि उनकी गुणवत्ता और वैधता की जांच की जा सके।
सूत्रों के अनुसार, सरकार का यह फैसला हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में घटित दवा गुणवत्ता विवादों और जाली दवाओं के मामलों के बाद लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में निगरानी को और कड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —
“राज्य में जनता की सेहत से कोई समझौता नहीं होगा। हर दवा की जांच और प्रमाणन के बाद ही उसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।”
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल प्रदेश की फार्मा इंडस्ट्री को नई दिशा देगा, बल्कि उत्तराखंड को देश के विश्वसनीय औषधि उत्पादन केंद्रों में शामिल करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा।
मुख्य बिंदु:
उत्तराखंड में बनने वाली हर दवा और API की जांच अब अनिवार्य
दूसरे राज्यों से आने वाली दवाओं की सूची तलब
गुणवत्ता और पारदर्शिता को लेकर सरकार का सख्त रुख
प्रदेश की फार्मा इंडस्ट्री में विश्वसनीयता बढ़ाने की तैयारी