नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। 22 अक्टूबर, रविवार को शारदीया नवरात्रि का आठवां दिन है। शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है। इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं। मां का स्वभाव शांत है।
मां महागौरी पूजा विधि…
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं।
मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती भी करें….
अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।
मां महागौरी का प्रिय पुष्प-
मां का प्रिय पुष्प रात की रानी है । इनका राहु ग्रह पर आधिपत्य है, यही कारण है कि राहुदोष से मुक्ति पाने के लिए मां महागौरी की पूजा की जाती है।
मां महागौरी मंत्र
मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥
ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम् ॥
पुणेन्दुनिभांगौरी सोमवक्रस्थितांअष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।
वराभीतिकरांत्रिशूल ढमरूधरांमहागौरींभजेम्॥
पटाम्बरपरिधानामृदुहास्यानानालंकारभूषिताम् ।
मंजीर, कार, केयूर, किंकिणिरत्न कुण्डल मण्डिताम्।
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांत कपोलांचैवोक्यमोहनीम् ।
कमनीयांलावण्यांमृणालांचंदन गन्ध लिप्ताम्॥
स्तोत्र मंत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम् ।
ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम् ।
डमरूवाघप्रिया अघा महागौरीप्रणमाम्यहम् ॥
त्रैलोक्यमंगलात्वंहितापत्रयप्रणमाम्यहम् ।
वरदाचैतन्यमयीमहागौरीप्रणमाम्यहम् ॥
कवच मंत्र
ओंकारः पातुशीर्षोमां, हीं बीजंमां हृदयो ।
क्लीं बीजंसदापातुन भोगृहोचपादयो ।
ललाट कर्णो, हूं, बीजंपात महागौरीमां नेत्र घ्राणों ।
कपोल चिबुकोफट् पातुस्वाहा मां सर्ववदनो ॥