हल्द्वानी (बड़ी खबर):- जमीन खरीदने वाले ध्यान दें! रजिस्ट्री से पूर्व रास्ते की भी जांच कर लें, कुमाऊँ कमिश्नर दीपक रावत

हल्द्वानी न्यूज़ :- भूमि की रजिस्ट्री करने से पूर्व जमीन के साथ ही रास्ते की भली भांति जांच कर ले कि विक्रेता ने जो रास्ता मौके पर दिखाया है वही रजिस्ट्री में भी दर्ज हो – आयुक्त

मंडल में संचालित हो रहे समस्त शिक्षण संस्थाओं की संबद्धता और सुविधाओं की जांच के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों और संस्थानों पर नियमानुसार कारवाई की जाए

मण्डलायुक्त दीपक रावत ने गुरुवार को आयुक्त कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में विगत जन मिलन कार्यक्रम की शिकायतों के निस्तारण हेतु फरियादी और अधिकारियों को बुलाकर समस्याओं का निस्तारण किया। विगत जनता दरबार में हल्द्वानी के वृद्ध व्यक्ति त्रिलोचन सिंह ने शिकायत की थी जितेंद्र वर्मा अनेक यहां किराए पर रहते है। उनके द्वारा पिछले 02 साल से किराया नहीं दिया जा रहा है। आयुक्त ने उन्हें समय दिया था कि उनके बीच किराया के राजीनामा अनुसार किराया दे दिया जाए। किंतु जितेंद्र वर्मा द्वारा पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद उन्हें किराए का भुगतान नहीं किया गया। मौके पर आयुक्त ने किरायेदार को त्रिलोचन सिंह का मकान खाली करने के निर्देश दिए।

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जितेंद्र वर्मा इसी भवन में एक विद्यालय संचालित करते है जो की आठवीं तक है। स्कूल में लगभग 70 बच्चे है। जांच में सामने आया कि स्कूल बिना मान्यता के संचालित किया जा रहा है। आयुक्त ने खंड शिक्षा अधिकारी, हल्द्वानी को नियम विरुद्ध स्कूल संचालित करने पर करवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु अन्य विद्यालय में दाखिला दिलाने की भी जिम्मेदारी तय की। पुण्डरीकाक्ष इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड एलाइड साइंस के विषय में वहां के विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने कॉलेज में विभिन्न कोर्साे में प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था । दाखिले के समय कॉलेज ने बताया था की जल्द ही कॉलेज को गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल जाएगी किंतु अतिथि तक कॉलेज को संबद्धता नहीं मिली है। बच्चों ने सुरक्षित भविष्य हेतु आयुक्त से गुहार लगाई थी और कहा था कि वे अब दूसरे कॉलेज में दाखिला लेना चाहते है। आयुक्त ने कॉलेज के मालिक से इस विषय में वार्ता की थी। आयुक्त को मालिक ने आश्वस्त किया है कि वह जल्द ही बच्चों के प्रथम वर्ष की फीस दूसरे कॉलेज को दे देगा।

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