- पढ़ाई के दबाव और डिप्रेशन में आकर उठाया यह कदम
- कमरा बंद कर लगा ली फांसी परिजनों ने दरवाजा तोड़कर निकाला
- आईपीएस या आर्मी ऑफिसर बनना था सपना
हल्द्वानी न्यूज़ :- 12वीं कक्षा की छात्रा ने शुक्रवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन छात्रा को पास के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जहां से बेस अस्पताल फिर एसटीएच लेकर पहुंचे। जब तक उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
काठगोदाम थाना क्षेत्र के आदर्श कॉलोनी दमुवादूंगा निवासी 17 साल की अदिति शहर के एक बड़े इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। उसके पिता सुरेश कुमार लोक निर्माण विभाग में जेई है। इन दिनों वह रानीखेत में तैनात हैं। अदिति के रिश्ते के चाचा सुरेश कुमार ने बताया कि वह शहर के एक बड़े स्कूल में पढ़ रही थी। बीते बृहस्पतिवार को अदिति का प्री-बोर्ड का पहला पेपर था। शुक्रवार सुबह वह जल्दी उठ गई, उसके बाद अपनी मां के पास आकर सो गई। कुछ देर बाद स्कूल जाने के लिए तैयार होने की बात कहकर कमरे में गई और दरवाजा बंद कर लिया। 15 से 20 मिनट बाद भी दरवाजा नहीं खोले जाने पर परिजनों ने खटखटाया और आवाज लगायी। मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया तो परिजन घबरा गए। आसपास के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा तो अदिति पंखे से लटकी मिली। इससे घर में कोहराम मच गया। लोगों ने उसे फंदे से उतारकर नजदीक के निजी अस्पताल पहुंचाया।
मगर डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इस पर उसे पहले बेस अस्पताल लेकर आए, जहां से एसटीएच रेफर किया गया। एसटीएच ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं काठगोदाम थाना पुलिस के मुताबिक किशोरी पढ़ाई को लेकर डिप्रेशन में थी। उसका कोई टेस्ट था। इसको लेकर उसने अपनी दोस्त को भी मैसेज किए थे जिसमें उसने पढ़ाई को लेकर दबाव होने की बात कही थी।
आईपीएस या आर्मी अफसर बनना था सपना….
सुरेश कुमार ने बताया कि अदिति पढ़ाई में काफी अच्छी थी। उसका सपना आईपीएस या आर्मी अफसर बनने का था। बीते दो साल से वह एनडीए की तैयारी भी कर रही थी। पिछले साल उसने एनडीए का टेस्ट भी दिया था, लेकिन कुछ नंबरों से रह गई थी। इस बार उसकी 12वीं बोर्ड की परीक्षा थी और आजकल प्री बोर्ड की परीक्षा चल रही थी। परीक्षा में अंक प्रतिशत को लेकर वह काफी परेशान थी, लेकिन यह बात उसने कभी घर पर नहीं बतायी। अपनी दोस्त को मैसेज कर उसने कहा था कि उससे यह नहीं हो पा रहा है। बताया कि हाईस्कूल में भी वह प्रथम श्रेणी में पास हुई थी।