लखनऊ- प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं अब न सिर्फ होन उड़ाएंगी बल्कि उनकी मरम्मत करने में भी दक्ष होगी। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलते ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के चयन की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के नए विकल्प के रूप में कृषि डोन देने की घोषणा की है। प्रदेश में 500 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि ड्रोन दिए जाएंगे। कृषि ड्रोन के जरिये एसएचजी की महिलाएं खेतों में दवाइयों का छिड़काव कर सकेंगी। इसके अलावा फसल पर नजर भी रख पाएंगी। पहले चरण में महिला समूहों को ड्रोन चलाने और उसकी आंशिक मरम्मत का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद एसएचजी को ड्रोन के लिए ऋण दिया जाएगा। वह ऋण उन्हें आसान किस्तों में अदा करना होगा। ड्रोन से प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को हर महीने एक लाख रुपये से अधिक की आय हो सकती है। आजीविका मिशन भाषण से ज के अधिकारी ने बताया कि देश में समुदाय विशे सबसे अधिक ड्रोन यूपी के महिला मामले में ट्राय समूहों को मिलने की उम्मीद है।
ड्रोन से जल्द होता है दवा का छिड़काव
मिशन के अधिकारी ने बताया कि खेतों में किसी भी मशीन की तुलना में ड्रोन से रसायन का छिड़काव जल्द और प्रभावी होता है। यह तकनीक लागू होने के बाद किसानों को भी बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से जल्द इसके दिशा-निर्देश जारी होंगे। उसके बाद यूपी के करीब 500 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन देने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।