उत्तराखंड : देश की पहली रामायण वाटिका बनी अपने शहर हल्द्वानी में, वीडियो में देखिए क्या है इसकी खासियत…..

हल्द्वानी : उत्तराखंड के फॉरेस्ट रिसर्च विंग ने बनाई त्रेता युग यानी भगवान राम के काल दौर के पौधों से सुंदर वाटिका। यह वाटिका देखने में जितनी सुंदर है, उतनी ही इस वाटिका में महत्वपूर्ण जानकारियां भी लोगों को मिल रही हैं। यह वाटिका पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। रामायण में भगवान श्रीराम की जीवन यात्रा के दौरान वह जिन-जिन स्थलों और जंगलों से होकर गुजरे थे, वहां मिलने वाली वनस्पतियों का जिक्र रामायण में किया गया है। उन्हीं वनस्पतियों को हल्द्वानी स्थित वन अनुसंधान केंद्र में संरक्षित किया गया है, ताकि लोगों को इस बारे में जानकारी मिल सके।

हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र में देश की पहली रामायण वाटिका बनाई गई है। यहां पर रामायण काल की 149 वनस्पतियों को संरक्षित किया गया है, जिनका वर्णन रामायण में मिलता है। इसके अलावा, इस वाटिका में श्रीराम की जीवन यात्रा से संबंधित तमाम जानकारियां भी उपलब्ध कराई गई हैं।

भगवान श्रीराम का सुंदर जीवन परिचय, इस रामायण वाटिका में…..

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भगवान श्रीराम का सुंदर जीवन परिचय इस सुंदर वाटिका से मिलता है जिसमे सर्वप्रथम श्री राम का होता है साथ में वहा सुदर चित्र से प्रारंभ चित्रकूट भी एक बोर्ड के माध्यम से दिखाया गया है जिसमें भगवान राम, सीता मौ और लक्ष्मण वन को जाते हुए दिखाये गए है चि जहाँ चित्रकूट जगह पर ती भरत श्रीराम से मिलने आये थे, साथ-साथ दूहाँ दंडकारण्य भी दिएक बोर्ड को माध्यम से दिखाया गया है। जिसमे श्री राम का जी ने दूसरा पड़ाव था जहाँ उन्हो न इस आश्रमका निर्माण किया था जता भगवान श्री राम ने अनेक राक्षसों का वध किया था। तथा वह पंचवटी को भी सुन्दर चित्र द्वारा दिखाया गया है जिसमे लंका नरेश रावण ने सीता कातरण किया था। इसके साथ-साथ शबरी भी श्री राम को जंगल में भटकते वक्त मिलती है जो श्री राम की परम भक्त थी जिन्होंने अपने झूठे बेर राम लक्ष्मण को खिलाए थे।

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इसके बाद किष्किंधा जगह दिखाई गई है जहां श्री राम की भेंट हनुमान और सुग्रीव से हुई थी अब अगला पड़ाव आता है अशोक वाटिका जहां रावण ने सीता मां को बंदी बनाकर रखा था तथा इसके बाद अगला पड़ाव है द्रोणागिरी जब मेघनाथ से युद्ध में लक्ष्मण के प्राण घातक रूप से घायल हो जाने पर विचार विमर्श पर हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में द्रोणागिरी नामक पहाड़ी में गए रामायण वाटिका इसके बाद का अगला पड़ाव है। जिसमें वाल्मीकि रामायण प्रकृति की विराट महिमा के सुंदर वर्णन से परिपूर्ण है। अनंत यह बहुत ही लुभावना तथा आकर्षक श्री राम जी का जीवन परिचय किया गया है।

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सरकारी स्कूली बच्चों के लिए मुफ्त प्रवेश

सरकारी विद्यालय के बच्चों के लिए यहां पर कोई भी शुल्क नहीं रखा गया है। वहीं, प्राइवेट स्कूल के बच्चों के लिए जो 10 साल से छोटे बच्चे हैं, उनका 10 रुपये का टिकट और जो 10 साल से बड़े हैं उनके लिए 25 रुपये का टिकट रखा गया है। साथ ही, आम जनमानस भी इस वाटिका के दर्शन करने आ सकते हैं। उनके लिए भी दस रुपये और 25 रुपये का टिकट रखा गया है।

रामायण वाटिका वीडियो…. 👇👇

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