

लालकुआं न्यूज़ :- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर राष्ट्रनायक एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय पंडित नारायण दत्त तिवारी की 100वीं जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर लालकुआं, बिंदुखत्ता और हल्दूचौड़ में वृहद श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जनसेवकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर उन्हें याद किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
हल्दूचौड़ के डूंगरपुर पंचायत भवन में आयोजित प्रमुख कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने पंडित तिवारी की प्रतिमा का विधिवत पूजन कर अनावरण किया। इस अवसर पर विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल और पूर्व विधायक नवीन चंद्र दुम्का ने तिवारी जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित तिवारी राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा जनता की भावनाओं का सम्मान करते थे। वे दूरदृष्टा नेता थे, जो भविष्य की योजनाएं बनाकर उन्हें धरातल पर उतारते थे।
नेताओं ने कहा कि तिवारी जी की कार्यशैली ने न केवल अपने दल के कार्यकर्ताओं बल्कि विपक्ष को भी प्रभावित किया। वे सदैव जनता के प्रिय और विकास के प्रतीक बने रहे। वक्ताओं ने आज के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भी तिवारी जी के आदर्शों और समर्पण से प्रेरणा लेकर राज्य निर्माण में योगदान दें।
बिंदुखत्ता स्थित जनता इंटर कॉलेज काररोड में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि बिंदुखत्ता की पहचान और अस्तित्व तिवारी जी के नाम से जुड़ा है, जिन्होंने इस क्षेत्र के विकास की नींव रखी थी।
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पुष्कर सिंह दानू, नगर कांग्रेस अध्यक्ष भुवन पांडे, पूर्व दर्जा मंत्री राजेंद्र खनवाल, पूर्व सैनिक संगठन के मंडल अध्यक्ष कुंदन सिंह मेहता, जिला पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट, पूर्व प्रमुख गोपाल सिंह नेगी, वरिष्ठ कांग्रेसी हरेंद्र बोरा, कैप्टन इंद्र सिंह पनेरी, प्रदीप बथ्याल, रामबाबू मिश्रा, रवि शंकर तिवारी, प्रकाश जोशी, माया देवी गोविंद वल्लभ भट्ट सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हेमवती नंदन दुर्गापाल ने किया। श्रद्धांजलि सभाओं में इस बार युवाओं की सक्रिय भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली, जिन्होंने तिवारी जी के विकासवादी विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।