- घटना में शामिल सपेरा, नौकर- नौकरानी व प्रेमी अभी कारागार में
- एक साल पूर्व की थी सनसनीखेज हत्या
हल्द्वानी न्यूज़ :- देश के चर्चित अंकित चौहान हत्याकांड की मुख्य आरोपी माही उर्फ डॉली जेल से रिहा हो गई है। उसे कोर्ट ने जमानत दे दी है, जबकि उसके सहयोगी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। माही पर अपने प्रेमी अंकित को सांप से डसवा कर मारने का आरोप है। माही और उसके प्रेमी को रुद्रपुर पुलिस ने बीते वर्ष 23 जुलाई को तब गिरफ्तार किया था, जब वह सरेंडर के लिए अपने अधिवक्ता से मिलने जा रही थी।
रामपुर रोड स्थित रामबाग निवासी ऑटो डीलर अंकित चौहान का शव बीती 15 जुलाई की सुबह तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास उसकी कार की पिछली सीट पर मिला था। दो डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें अंकित के दोनों पैरों पर सांप के डसने के निशान मिले। दोनों पैरों पर एक ही जगह निशान होने पर पुलिस को शक हुआ। मामले में गोरापड़ाव डिबेर के पास रहने वाली माही आर्या पर पुलिस का शिकंजा कसा।
पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड में माही का साथ उसके प्रेमी हल्दूचौड़ निवासी दीप कांडपाल, अदकाटा भोजीपुरा बरेली निवासी सपेरा रमेश नाथ, नौकर हैदरगंज पीलीभीत उत्तर प्रदेश निवासी राम अवतार और उसकी पत्नी ऊषा देवी ने साथ दिया। अंकित की हत्या माही के घर में की गई। दीप कांडपाल भी माही का प्रेमी है।
माही के अलावा इस मामले में सभी आरोपी अभी भी जेल में है। नौकर और उसकी पत्नी हल्द्वानी जेल में और प्रेमी व सपेरा नैनीताल जेल में बंद है। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद दो अगस्त को माही उपकारागार हल्द्वानी से रिहा हुई। जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि माही जमानत पर रिहा हुई है। दो अगस्त वह जेल से निकली। माही को उसकी बहन के सुपुर्द किया गया।
पुलिस की चूक और सीसीटीवी बना माही की जमानत की वजह
पुलिस कार्बन मोनोआक्साइड को मौत की वजह मान रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कहानी बदली तो पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए। अंकित के दोनों पैरों पर एक ही जगह सर्पदंश के निशान थे। पुलिस की चार टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, चार मैनुअल टीम और एक सर्विलांस जांच की। माही की कॉल डिटेल से पता चला कि माही अंकित, सपेरे और दीप कांडपाल से लगातार बात कर रही थी। अंकित की कार माही के घर जाते-आते, भुजियाघाट, गौलापार और फिर तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास दिखी। उसी रात एक कार और तीनपानी पहुंची। व पहुंची। वह अंकित की कार के बगल में ढाई मिनट रुकी। बताया जा रहा है कि सीसीटीवी फुटेज में अन्य आरोपी तो नजर आए, लेकिन माही का चेहरा नहीं दिखा और यही माही की जमानत की वजह बनी।