हल्द्वानी न्यूज़ :- उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उपनल कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार का भी शोषण हो रहाहै। रविवार को गौलापार के एक गेस्ट हाउस में हुई बैठक में संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने कहा कि सरकार कब तक गुमराह करती रहेगी? 10 वर्ष की नियमावली बनाने का स्वागत है लेकिन इससे उपनल कर्मचारियों को वंचित रखना अन्याय है। बैठक में प्रदेश महासचिव प्रमोद गुसाईं, संरक्षक गणेश गोस्वामी, राकेश जोशी, मनोज जोशी, नितिन कुमार, योगेश भाटिया, अनिल कोटियाल आदि थे।
उपनल कर्मचारियों ने आंदोलन को चेताया
संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण की प्रक्रिया में आउटसोर्स कर्मचारियों को भी शामिल कराने के लिए उपनल कर्मचारियों ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी। रविवार को उपनल संयुक्त मोर्चा की यमुना कॉलोनी स्थित कार्यालय में हुई बैठक में उपनल कर्मियों ने अक्तूबर के पहले हफ्ते से चरणबद्ध महा आंदोलन करने की चेतावनी दी।
मोर्चे के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कार्य प्रभारित कर्मियों के नियमितीकरण की तैयारी कर रही है। जबकि हाईकोर्ट उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2018 में आदेश दे चुका है। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाए सरकार उस आदेश के खिलाफ ही एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई। विनय प्रसाद ने कहा कि सरकार पक्षपातपूर्ण नीति अपना रही है। सरकार को चाहिए के वर्ष 2018 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उपनल कर्मचारियों को परमानेंट करे। यदि अब सरकार ने उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए ठोस नीति नहीं बनाई तो अक्तूबर के पहले हफ्ते से आंदोलन शुरू कर देंगे। विनय ने कहा कि आगामी 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दायर एसएलपी पर भी महत्वपूर्ण सुनवाई होनी प्रस्तावित है। सभी उपनल कर्मचारी उसके लिए भी तैयार रहें।
कहा कि सरकार पक्षपातपूर्ण नीति अपना रही है। सरकार को चाहिए के वर्ष 2018 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उपनल कर्मचारियों को परमानेंट करे। यदि अब सरकार ने उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए ठोस नीति नहीं बनाई तो अक्तूबर के पहले हफ्ते से आंदोलन शुरू कर देंगे। विनय ने कहा कि आगामी 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दायर एसएलपी पर भी महत्वपूर्ण सुनवाई होनी प्रस्तावित है। सभी उपनल कर्मचारी उसके लिए भी तैयार रहें।