Attack on Sukhbir: यह हमला तब हुआ जब सुखबीर सिंह बादल अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के बाहर दरबान बनकर सजा काट रहे थे. इसी दौरान एक हमलावर आया और उसने बंदूक निकाली. जैसे ही उसने बंदूक निकाली, सुखबीर सिंह बादल के आसपास खड़े उनके लोगों ने तत्काल उसे देख लिया और वहीं दबोच दिया. गनीमत यह रही कि सुखबीर सिंह बादल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ. लेकिन यह उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है.
अकाल तख्त ने दी है धार्मिक सजा
इस समय सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के अन्य नेताओं को अकाल तख्त साहिब से धार्मिक सजा सुनाई गई है. अकाल तख्त सिख धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है और सिख समुदाय के किसी भी सदस्य को उसकी धार्मिक गलतियों के लिए तलब कर सकता है और उसे धार्मिक सजा देता है. यदि कोई सिख धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ काम करता है या सिख समुदाय की भावनाओं के खिलाफ जाता है, तो उसे अकाल तख्त द्वारा यह सजा दी जाती है.
सुखबीर सिंह बादल पर कई आरोप लगाए गए हैं. 2 दिसंबर को अकाल तख्त में एक बैठक हुई, जिसमें सिख धर्म के प्रमुख प्रतिनिधियों और पांच प्रमुख धर्म स्थलों के मुखियाओं ने हिस्सा लिया. इस बैठक में सुखबीर सिंह बादल सहित 2007 से 2017 तक उनके कैबिनेट में मंत्री रहे कई नेताओं को धार्मिक सजा दी गई.
स्वीकार कर चुके हैं अपनी गलती
इतना ही नहीं सजा सुनाए जाने से पहले सुखबीर सिंह बादल ने कई गलतियां स्वीकार भी कीं हैं. जिनमें पंजाब में अकाली दल की सरकार के कार्यकाल के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल है। फिलहाल उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ है.