

“Rakshit Singh Bisht – नाम के अनुरूप बना विद्यार्थियों का संरक्षक स्वर
हल्द्वानी। एमबीपीजी महाविद्यालय के छात्र राजनीति परिदृश्य में इस बार का चुनाव परिणाम सिर्फ़ एक जीत नहीं, बल्कि एक नई सोच और नए नेतृत्व की दस्तक है। युवा नेता Rakshit Singh Bisht ने विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर शानदार विजय दर्ज कर यह साबित कर दिया है कि सच्चा नेतृत्व केवल पद पाने का नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी निभाने का नाम है।
‘Rakshit’ शब्द का अर्थ है — “रक्षित”, “संरक्षित” या “रक्षक”। आश्चर्यजनक रूप से यह अर्थ अब उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व की दिशा से पूर्णतः मेल खाता है। Rakshit ने अपने नाम के भावार्थ को साकार करते हुए छात्रों के अधिकारों और अपेक्षाओं की रक्षा का संकल्प लिया है।
चुनाव परिणाम घोषित होने के क्षण से ही पूरा महाविद्यालय उत्साह और उल्लास से सराबोर हो उठा। साथी विद्यार्थियों ने नारे लगाते हुए Rakshit को कंधों पर उठाया और यह संदेश दिया कि अब छात्र समुदाय को एक ऐसा प्रतिनिधि मिल गया है जो वास्तव में “उनकी आवाज़ और उनके अधिकारों का संरक्षक” बनेगा।
अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए Rakshit Singh Bisht ने कहा—
👉 “यह विजय मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि उन सभी छात्रों का विश्वास है जिन्होंने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना। मैं इस पद को किसी सम्मान की तरह नहीं, बल्कि एक पवित्र दायित्व के रूप में देखता हूँ। छात्रों की समस्याओं का समाधान और उनके हितों की रक्षा करना मेरी पहली और अंतिम प्राथमिकता रहेगी।”
Rakshit की यह उपलब्धि न केवल एमबीपीजी महाविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण क्षण है, बल्कि आने वाले समय में छात्र राजनीति को एक नई दिशा देने वाला मील का पत्थर भी सिद्ध हो सकती है।
