- सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी वापस लेकर हाईकोर्ट का निर्णय लागू किया जाए।
- मंत्री गणेश जोशी और धन सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित उप समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
- 18 जुलाई का शासनादेश निरस्त करते हुए उपनल कर्मचारियों के वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
- उपनल कर्मचारियों को नियमित कर्मियों की तरह महंगाई भत्ता दिया जाए।
- उपनल कर्मियों को किसी भी स्थिति में हटाया न जाए।
देहरादून न्यूज़ :- उपनल कर्मियों ने सरकार को मांगों पर अमल के लिए दस जनवरी तक का समय दिया है। ऐसा नहीं होने पर कर्मचारियों ने प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
रविवार को यमुना कॉलोनी स्थित इंजीनियर भवन में आयोजित उत्तराखंड उपनल संयुक्त मोर्चा की बैठक में कर्मचारियों ने सरकार पर जायज मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया। मोर्चा के संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि यदि एक माह के भीतर सरकार उपनल कर्मचारियों की लंबित मांगों पर निर्णय नहीं लेती है तो पूरे प्रदेश के उपनल कर्मचारी अगले माह से बेमियादी कार्यबहिष्कार पर चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि संयुक्त मोर्चे द्वारा 10 जनवरी तक सभी जनपदों में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।