- 01 साल में नियमितीकरण को नियमावली तैयार करने का दिया है आदेश
- 2003, 2006 से सिर्फ उपनल में ही संविदा भर्ती का है कार्मिक का जीओ
देहरादून न्यूज़ :- उपनल संयुक्त मोर्चा ने उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हुए हाईकोर्ट के 2018 को लागू कराने की मांग की। बुधवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि जिस तरह सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण नियमावली तैयार कर रही है। उसी तरह हाईकोर्ट के 2018 के आदेशानुसार उपनल कर्मचारियों के लिए भी नियमावली तैयार की जाए। उन्हें समान काम का समान वेतन दिया जाए।
गोदियाल ने कहा कि जब सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने के मामले में तत्काल हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने जा रही है। उसी तरह यही तत्परता उपनल कर्मचारियों के मामले में हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने में क्यों नहीं दिखाई जा रही है। हाईकोर्ट अपने आदेश में साफ कर चुकी है कि सरकार उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर एक साल के भीतर नियमावली तैयार करे। आदेश को लागू करने की बजाय सरकार सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देने चली गई। ये सीधे तौर पर उपनल कर्मचारियों के साथ भेदभाव है। महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा कि सरकार सिर्फ संविदा, अंशकालिक, दैनिक वेतन कर्मचारियों को ही नियमित करने को नियमावली बनाने जा रही है, जबकि हाईकोर्ट के आदेश में उपनल कर्मचारी भी शामिल हैं। ऐसे में उपनल कर्मचारियों को भी लाभ दिया जाए। यहां सह संयोजक प्रमोद गुसाईं, मीना रौथाण, महेश भट्ट आदि मौजूद रहे।
जब संविदा नियुक्ति पर रोक, तो किन्हें कर रहे नियमित
मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2003, 2006 के कार्मिक विभाग के शासनादेश में साफ है कि भविष्य में किसी भी तरह की संविदा पर नियुक्ति नहीं की जाएगी। संविदा पर सिर्फ उपनल से ही कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जाएगा। जब संविदा नियुक्ति पर रोक रही, तो सरकार अब किन संविदा कर्मचारियों को नियमित करने जा रही है। जब कार्मिक विभाग भी अपने आदेश में साफ कर चुका है कि संविदा पर सिर्फ उपनल कर्मचारियों को ही रखा जाएगा, तो अब उपनल कर्मचारियों को क्यों इस नियमावली के दायरे में नहीं लाया जा रहा है।