Uttarakhand News: शशि रतूड़ी ने उत्तराखंड की कुछ के साथ मिलकर पहाड़ों के ‘पिस्यु लूण’ नमक को देशभर के लोगों तक ले जा रही हैं। शशि की कोशिश है कि पहाड़ी संस्कृति को सहेजकर आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाया जाए और खुद को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
शशि ने बताया कि उन्होंने अपनी नमकवाली कंपनी की 2018 में शुरूआत की। शशि ने तीन महिलाओं के साथ इस काम की शुरूआत की। जिससे आज वह 38 लाख सालाना कमा रही है। आज 15 महिलाओं को रोजगार दे रही है। इससे परिवार और उनके साथ लम्बे समय से काम कर रही महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
शशि के इस काम की सार्क टैंक के जजों ने तारीफ कर इन्वेस्टमेंट का ऑफर दिया है। सोनी टीवी के सार्क टैंक इंडिया कार्यक्रम में देश दुनिया के नामी स्टार्टअप की कहानी दर्शकों तक पहुंचाई जा रही है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की नमकवाली की शशि बहुगुणा रतूड़ी की कहानी दिखाई गई।सार्क टैंक के कार्यक्रम में टीम के साथ पहुंची शशि उर्फ ‘नमकवाली’ ने अपने पारंपरिक नमक पिस्यूं लूंण को लेकर सार्क टैंक इंडिया के जजों को अपने स्टार्टअप की कहानी बताई। सार्क टैंक इंडिया के सभी जजेज ने ‘नमकवाली’ के प्रयासों को जमकर सराहना की।
शशी ने बताया कि वह टिहरी की रहने वाली हैं। छोटी उम्र से ही सामाजिक कामों (एनजीओ) से जुड़ी रही। उन्होंने कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर कई गंभीर मुद्दों जैसे कि पर्यावरण, नारी-सशक्तिकरण पर काम किया। 1982 में महिला नवजागरण समिति बनाई। वर्ष 2018 से वह नमकवाली मुहिम को आगे बढ़ा रही है। उसके साथ लम्बे समय से कुछ महिलाएं भी जुड़ी हैं।
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पहाड़ का पिस्यू लूँण, सूबेन्दू, नवेंन्दू ने माँ के हाथो के जादू को दिये पँख, पहले अपने काम से साथ किया। प्रमोट फिर विदेश की नौकरी छूटी तो उत्तराखंड मे हो गये फुल टाइम, अब कई ग्रामीण महिलाओ के दे रहे रोजगार, बद्री गाय का घी, शहद, पिस्यू लूंण, जैसे कई ऑर्गेनिक प्रोडक्ट इंस्टाग्राम व वेबसाइट से बेच रहे, अच्छा इसलिए लगता है की प्रोडक्ट ऑर्गेनिक है और लिमिटेड है स्टॉक बनाया और बेचा।