- अमेरिका और इजरायल के वैज्ञानिकों ने खोज की
- अध्ययन ‘पीएनएएस नेक्सस’ में प्रकाशित हुआ
नई दिल्ली न्यूज़ :- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के सदुपयोग से कई समस्याओं का निदान किया जा सकता है। एक नया एआई मॉडल सामने आया है, जिसकी मदद से कोविड की आने वाली नई लहर की पहले से भविष्यावाणी की जा सकती है। अमेरिका और इजरायल के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस मॉडल की खोज की है।
दो सप्ताह में मॉडल बताएगा कोरोना का पता :
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ये एआई मॉडल एक सप्ताह की अवधि में अवलोकन के बाद प्रत्येक देश में लगभग 73 प्रतिशत और दो सप्ताह के बाद 80 प्रतिशत से अधिक स्वरूप का पता लगा सकता है। यह अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका ‘पीएनएएस नेक्सस’ में प्रकाशित हुआ है।
तीस देशों से नब्बे लाख नमूनों को एकत्रित कियाः अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इजरायल के द हिब्रू यूनिवर्सिटी-हादासाह मेडिकल स्कूल की टीम ने ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग एवियन इन्फ्लुएंजा डेटा
(जीआईएसएआईडी) द्वारा 30 देशों से एकत्र किए गए सार्स-सीओवी-2 वायरस के 90 लाख नमूनों के आनुवंशिक अनुक्रमों का विश्लेषण किया।
नब्बे लाख नमूनों का अन्य कारकों से तालमेल किया गयाः कोरोना संक्रमण को लेकर टीकाकरण दर, संक्रमण दर और अन्य कारकों के डेटा के साथ जोड़ा गया था। टीम ने मशीन लर्निंग-सक्षम जोखिम मूल्यांकन मॉडल बनाने के लिए इस विश्लेषण से दिखे पैटर्न का उपयोग किया।