- वन विभाग के उस आदेश को किया रद्द, जिसमें मानव मद बदला गया था
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन पदों को भी दूसरी आउटसोर्स एजेंसी से भरने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पर वे कार्यरत हैं। वे सालों से काम कर रहे हैं और दूसरे लोगों को आउटसोर्स से. नियुक्त कर उन्हें बाहर करना गलत है।
नैनीताल न्यूज़ :- हाईकोर्ट ने वन विभाग में आउटसोर्स एजेंसी से नियुक्त कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने इन कार्मिकों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने वन विभाग के 18 जुलाई 2023 के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें मानव मद बदला गया था। इसी निर्णय के बाद 17 नवंबर 2023 को वर्षों से आउटसोर्स के रूप में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। कोर्ट ने सरकार को इन कार्मिकों के अब तक के वेतन का भुगतान करने और उन्हें समय पर वेतन देने का भी आदेश दिया है। अब यह सरकार को तय करना है कि इन्हें किस मद से वेतन दिया जाए।
कोर्ट ने छह हफ्ते में विस्तृत शपथपत्र देने के निर्देश भी दिए हैं। अगली सुनवाई फरवरी के बाद होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। वन विभाग में उपनल सहित अन्य आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से 2187 लोग काम कर रहे थे। 17 नवंबर को शासन ने अधिसूचना जारी कर विभाग का पुनर्गठन करने और 1113 पदों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरने का निर्देश दिया था, जिसे अल्मोड़ा के दिनेश परिहार और देहरादून के दिनेश चौहान और अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।