

- राज्य स्थापना की रजत जयंती पर रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय “जन वन महोत्सव” का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया शुभारंभ
- मुख्यमंत्री धामी की क्षेत्रीय विकास हेतु महत्वपूर्ण घोषणाएँ
- चिपको आंदोलन बना महिला शक्ति और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक
- प्रकृति संरक्षण हमारे संस्कारों में निहित है — मुख्यमंत्री धामी
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के शुभ अवसर पर रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय जन वन महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण देवभूमि की संस्कृति का अभिन्न अंग है और प्रकृति का संरक्षण हमारे संस्कारों में समाहित है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मानव और प्रकृति के सहअस्तित्व की जो विचारधारा दी, वही आज भी हमारी जीवनशैली का आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जन वन महोत्सव जनता और जंगलों के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि विकास तभी सार्थक है जब पारिस्थितिकी और आर्थिकी के बीच सामंजस्य बना रहे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना समय की मांग है।
“चिपको आंदोलन” की याद – महिला शक्ति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बताया
मुख्यमंत्री श्री धामी ने वर्ष 1973 के चमोली जिले में हुए चिपको आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं ने पेड़ों से लिपटकर जो संदेश दिया था, उसने विश्वभर में पर्यावरण संरक्षण की नई दिशा दी। यह आंदोलन महिला सशक्तिकरण, सत्याग्रह और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बन गया।
प्रकृति–संस्कृति–विकास का संतुलन – उत्तराखंड की पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्षों में उत्तराखंड ने प्रकृति, संस्कृति और विकास का संतुलन बनाए रखते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की हरियाली, समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीव हमारे प्रदेश की पहचान हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के संतुलन पर कार्य कर रही है। वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रदेश में जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
इको-टूरिज्म और रोजगार सृजन पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इको-टूरिज्म मॉडल पर तेजी से काम किया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने बताया कि बिजरानी, गिरिजा और ढिकुली जोन को आधुनिक रूप में विकसित किया गया है, जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, वाइल्डलाइफ टूरिज्म आधारित कौशल को उद्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
प्रकृति संरक्षण में बच्चों की भागीदारी
मुख्यमंत्री श्री धामी ने नगर वन में विद्यालयों के बच्चों द्वारा तैयार की गई चित्रकला एवं कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना विकसित करना सबसे बड़ी पूंजी है।
मुख्यमंत्री की विकास संबंधी घोषणाएँ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के विकास हेतु कई घोषणाएँ कीं —
ग्राम लेती–चोपड़ा को नए राजस्व ग्राम के रूप में विकसित कर पानी, बिजली, शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
ग्राम भलौन में सिंचाई और पेयजल ट्यूबवेल की स्थापना की जाएगी।
तुमड़िया रोड को मालधन से जोड़ा जाएगा।
पर्यटन सत्र 2025–26 में महिला जिप्सी चालकों के विशेष प्रशिक्षण के बाद शेष पंजीकरण पूर्ण किए जाएंगे।
नगर वन में लाइट एंड साउंड शो शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
रामनगर में सामुदायिक सोवेनियर शॉप का निर्माण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
वन मंत्री और अधिकारियों ने भी रखे विचार
इस अवसर पर वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ स्थानीय आजीविका बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के प्रयासों से प्रदेश में वन्य जीवों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है।
प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु ने वन संरक्षण, मानव–वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम और संरक्षण योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्यमंत्री द्वारा वन विभाग के विभिन्न प्रभागों, व महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का भी निरीक्षण किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधा भी रोपित किया
कार्यक्रम में गणमान्यजन रहे उपस्थित
कार्यक्रम में विधायक दीवान सिंह बिष्ट, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग मुकेश कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा, मुख्य वन संरक्षक (कुमाऊं) डॉ. तेजस्विनी पाटिल, नगर पालिका अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम, क्षेत्र प्रमुख मंजू नेगी, भाजपा उपाध्यक्ष गणेश रावत, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यार्थी और नागरिक उपस्थित रहे।












