

हाईकोर्ट का निर्देश: चार सप्ताह में उपनल कर्मियों के विनियमितीकरण पर निर्णय ले सरकार
आचार संहिता के बाद खुलेगा नियमितीकरण और एरियर भुगतान का रास्ता, सुशीला तिवारी के कर्मचारियों को 15 दिन में वेतन भुगतान के आदेश
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) कर्मचारियों के नियमितीकरण व लंबित एरियर भुगतान के मामले में सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। माननीय न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में चार सप्ताह के भीतर निर्णय ले।
यह आदेश अवमानना वाद संख्या 402/2024 उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ बनाम मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन के तहत आज 27 जून 2025 को सुनवाई के दौरान दिया गया। राज्य की ओर से महाधिवक्ता श्री एस.एन. बाबूलकर ने पक्ष रखा, जबकि उपनल कर्मचारी संघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एस.आर. सिंह, एम.सी. पंत एवं अधिवक्ता अंकुर यादव द्वारा पैरवी की गई।
महाधिवक्ता ने अदालत को अवगत कराया कि राज्य सरकार को उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु पूर्व में ही सुझाव दे दिए गए थे तथा यह मुद्दा कैबिनेट की विचाराधीन है। हालांकि, पंचायत चुनावों के चलते लागू आदर्श आचार संहिता के कारण निर्णय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
कोर्ट ने सरकार द्वारा मांगे गए छह सप्ताह की मोहलत के स्थान पर केवल चार सप्ताह का समय प्रदान किया और निर्देशित किया कि इस अवधि में निर्णय लिया जाए। साथ ही, कोर्ट ने सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत उपनल कर्मचारियों को तीन माह का लंबित वेतन 15 दिन के भीतर अदा करने का आदेश भी पारित किया।