

चमोली न्यूज़ :- उत्तराखंड के चमोली जिले की ग्रामीण महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण पेश कर रही हैं। पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण का अनूठा संगम दिखाते हुए, यहां की महिलाओं ने पराली (फसल अवशेष) से सुंदर-सुंदर राखियाँ बनानी शुरू की हैं।
यह पहल न केवल महिलाओं के लिए स्वरोजगार का साधन बनी है, बल्कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को भी रोकने में मददगार सिद्ध हो रही है। स्थानीय स्वयं सहायता समूहों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के सहयोग से महिलाएं इस रक्षाबंधन के लिए पारंपरिक और पर्यावरण मित्र राखियाँ तैयार कर रही हैं।
ग्रामीण महिलाओं का यह नवाचार नारी सशक्तिकरण और सतत विकास की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इन राखियों की मांग न केवल जिले में, बल्कि अन्य शहरों और ऑनलाइन माध्यमों के जरिए भी तेजी से बढ़ रही है।
राज्य सरकार द्वारा भी ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं स्वावलंबी बन सकें और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।