इन खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीतने के मामले में भारत शीर्ष पर है। 16 पदकों में भारत के पास चार स्वर्ण, नौ रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। वहीं, पाकिस्तान के पास 14 पदक हैं।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने हांगझोऊ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। यह हॉकी में भारत का चौथा स्वर्ण रहा। इससे पहले 1966, 1998 और 2014 में भारत ने सोना पर कब्जा जमाया था। वहीं, एशियाड में कुल मिलाकर भारतीय हॉकी टीम का यह 16वां पदक रहा। चार स्वर्ण के अलावा टीम इंडिया ने 1958, 1962, 1970, 1974, 1978, 1982, 1990, 1994, 2002 एशियाई खेलों में रजत जीता था, जबकि 1986, 2010 और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पर कब्जा जमाया था।
भारतीय टीम इस पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। उसने लगातार सात मैच जीते। भारत को पूल-ए में पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, सिंगापुर, जापान और बांग्लादेश के साथ रखा गया था। पहले मैच में भारत ने उज्बेकिस्तान को 16-0 से रौंदा। दूसरे मैच में सिंगापुर को 16-1 से परास्त किया। तीसरे मैच में जापान को 4-2 से हराया। वहीं, चौथे मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 10-2 से करारी शिकस्त दी। यह भारत की पाकिस्तान पर सबसे बड़ी जीत रही। पांचवें और आखिरी ग्रुप मैच में भारत ने बांग्लादेश को 12-0 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 5-3 से शिकस्त दी। वहीं, फाइनल में जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया।
मैच में क्या हुआ?
पहले क्वार्टर में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर पाईं। भारत को कुछ पेनल्टी कॉर्नर भी मिले, लेकिन गोल करने में नाकाम रही। दूसरे क्वार्टर में 25वें मिनट में भारत ने पहला गोल दागा। पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह ने रिवर्स हिट पर गोल किया और भारतीय टीम को 1-0 से आगे कर दिया। हाफ टाइम तक भारत ने जापान पर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। तीसरे क्वार्टर में 32वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से बेहतरीन गोल दागा। इससे भारत की बढ़त 2-0 की हो गई। इसके बाद 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर अमित रोहिदास ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से बेहतरीन गोल किया और भारत की बढ़त 3-0 की कर दी।
चौथे क्वार्टर में 48वें मिनट में अभिषेक ने फील्ड गोल किया और टीम इंडिया की बढ़त 4-0 की कर दी। इसके बाद 51वें मिनट में जापान के तनाका सेरेन ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल दागा। इसके बाद 59वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत ने ड्रैग फ्लिक पर एक और शानदार गोल दागा और भारत की जीत लगभग निश्चित कर दी। इसके बाद दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं। इस तरह टीम इंडिया ने 5-1 से मुकाबला जीतकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।